महिलायें रोजाना करें व्यायाम, नहीं होंगी डिप्रेशन का शिकार
कई बार हमारे जिंदगी में कुछ ऐसा हो जाता जिसके चलते हम काफी परेशान रहते है यह तक की हम डिप्रेशन का भी शिकार बन जाते है और फिर डिप्रेशन से बाहर निकलना बेहद मुश्किल होता है। शरीर के जख्म दिखाई देते हैं तो उन्हें भरने की दवा का इंतजाम जल्द से जल्द किया जाता है। डिप्रेशन एक ऐसी घातक बीमारी है जो किसी भी इंसान को भीतर से पूरी तरह खोखला कर देता है।
डिप्रेशन में व्यायाम है असरदार:
# डिप्रेशन में इंसान खुद को तन्हा महसूस करता है और फिर भी अकेला रहना चाहता हैं। डिप्रेशन के शिकार लोगों में दिल की बीमारी के खतरे भी बढ़ जाते हैं।
# इस खतरे को कम करने में दवाइयों के बजाये अगर व्यायाम का इस्तमाल किया जाये तो ज्यादा असर होता है क्यूंकि व्यायाम इंसान को पूरी तरह मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।
रिसर्च:
बिगड़ते अवसाद और दिल की बीमारी के शिकार लोगों पर व्यायाम से सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। काफी हद तक वे डिप्रेशन से बाहर आए। हृदय रोगी जो अवसाद से भी ग्रस्त हैं व्यायाम जरूर करें।
# व्यायाम करने के पीछ एक लॉजिक ये भी है कि इससे सिर्फ शरीर हेल्दी नहीं होता है। दिमाग में भी सकारात्मक विचार आते हैं।
Comments are closed.